Sep 17, 2011

क्योंकि हिंदी मीठी है...

कल मैंने फेसबुक पर एक तस्वीर देखी. उसमें एक फोटो फ्रेम के अन्दर 'हिंदी' शब्द लिखा हुआ था और उस के ऊपर एक हार चढ़ाया हुआ था. फोटो देख के मुझे तकलीफ नहीं हुई. दरअसल मुझे काफी आश्चर्य हुआ. हम कितनी जल्दी फैसलों पे पहुँच जाते हैं. मुझे ये समझ नहीं आता की आखिर हिंदी और उसके भविष्य को लेकर लोगों में इतनी घबराहट क्यों है? क्यों हम हिंदी को एक मरी हुई भाषा के तौर पे देखना और दिखाना चाहते हैं?

मेरे हिसाब से हिंदी तब तक जीवित है जब तक हमारी सोच 'हिंदी' है. जी हाँ, भले ही हम अंग्रेजी में लाख गुटरगूं करलें, कहानियां लिखें, कवितायेँ लिखें या फिर 'स्टेटस अपडेट' करें, हमारी इन सारी क्रियाकलापों की जड़ में हिंदी है. हमें जब कुछ बहुत महत्वपूर्ण बात सोचनी होती है, हम हिंदी का ही सहारा लेते हैं. हिंदी हमारी सोच में छिपी है. और इंसानी सोच इतनी जल्दी मरती नहीं. मुझे याद है, पिछले हफ्ते जब मेरे प्रोफेसर ने अचानक मुझे माएक  पर आकर कुछ बोलने को कहा तो मेरे अन्दर की अंग्रेजी ने मुझे धोखा दे दिया, अपनी बात रखने और साख बचाने के लिए मुझे हिंदी का ही सहारा लेना पड़ा. अंग्रेजी आपकी पहचान बन सकती है लेकिन हिंदी आपका भरोसा है, अपने घर की तरह, थके हारे आप कभी भी वहां लौट सकते हैं.

हिंदी एक मीठी जुबां है. सच बोलूं तो अगर मैं काफी देर तक अंग्रेजी में बात करता हूँ तो मेरी जीभ थक जाती है. जब मैं बहुत खुश होता हूँ तो मैं हिंदी में बोलता हूँ. जब बहुत गुस्से में होता हूँ तो गालियाँ हिंदी में ही निकलती हैं. 'शीट, ओह माय गव्ड' जैसे शब्द रोज़ की बातचीत का हिस्सा होने के बाद भी 'सुपफिशिअल' ही जान पड़ते हैं.  और मेरे हिसाब से यही छोटी मगर मोती बातें हिंदी को महान भाषा और एक अमर संस्कृति बनाती हैं. 





मुझे हिंदी के भविष्य को लेकर चिंता तब होती है जब कुछ लोग हिंदी बोलने और लिखने के चक्कर में दूध का दही बना देते हैं. हिंदी की श्रेष्टता साबित करने के लिए कई लोग ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो ना सिर्फ बोलने और समझने में तकलीफदेह होती है बल्कि हिंदी की एक भाषा के रूप में छवि भी खराब करती है. क्यूँ हम हिंदी को एक मुश्किल और जटिल भाषा के रूप में पेश करना चाहते हैं? ट्रेन को ट्रेन बोलने में क्या दिक्कत है, 'लौहपथगामिनी' बोल कर आप क्या साबित करना चाहते हैं? हिंदी की भलाई इसी में है कि वो समय के साथ बाकी भाषाओँ से अपना तालमेल बना कर रखे. विश्व की कोई भी भाषा पूर्णतः शुद्ध नहीं है. अंग्रेजी में भी फ्रेंच, लातिन और अन्य यूरोपियन भाषायों का प्रभाव है. हिंदी की ख़ूबसूरती उसकी जटिलता में नहीं सहजता में है, हिंदी कोई 'टंगट्विस्टर' नहीं बल्कि एक बेहद ही मीठी भाषा है. हिंदी यूँही हिंदुस्तान की प्रमुख भाषा नहीं है, सदियों से यह भाषा एक अथाह सागर की तरह खुद में कईयों को मिलाती रही है, चाहे वो उर्दू हो या अंग्रेजी, हिंदी शरबत के ग्लास की तरह है जिसके अन्दर कई स्वाद घुलते रहे हैं. उर्दू के 'शक़' से लेकर अंग्रेजी के 'फक' (Fuck) तक!

हिंदी से भले अब मेरी थोड़ी दूरी हो चली हो, लेकिन आज भी यह भाषा मेरे बहुत करीब है. और यह करीबी कभी कम नहीं होगी क्यूंकि मेरी सोच हिंदी है. मुझे याद है किस तरह बचपन में रेडियो पर मैं बीबीसी हिंदी सुना करता था. मेरी लिए वही सच्ची हिंदी की परिभाषा है. मेरे लिए नंदन और चम्पक जैसी किताबें हिंदी की सच्ची पहचान हैं. हिंदी मेरी मातृभाषा है, इसीलिए ये सरल और सहज होनी चाहिए. आखिर माँ से बातचीत में जटिलता कैसी?

हम हिंदी सप्ताह या पखवाडा इसलिए ना मनाएं की हमें एक महान भाषा को श्रद्धा-अंजलि  देनी है. हमें हिंदी पखवाडा मनाना चाहिए, भाषा का जश्न मनाने के लिए. इस बात पे गर्व करने के लिए की हमें विरासत में एक इतनी खूबसूरत जुबां मिली है जो समय की हर परीक्षा पे खड़ी उतरी है.


और हाँ हिंदी तब तक सलामत है जब तक न्यूयोर्क से लौटा वो फिल्म का विद्यार्थी मुंबई में आकर हिंदी फिल्में बनाता हो. जब तक हमारे गीतकार रूमानी बातें कहने के लिए खड़ी बोली हिंदी का सहारा लेते हों.


हिंदी तब तक महफूज़ है जब तक इस देश का प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित करने में इस भाषा का प्रयोग करें.


जब तक दो दोस्त मिलने पर 'साले' और 'कुत्ते' कहकर एक दुसरे को बुलाएं. 

हिंदी बहुत सुरक्षित है. साहित्य के पन्नो में, या वक्ताओं के भाषणों में नहीं, अन्दर कहीं हमारे दिल में....




13 comments:

  1. It's always heartening (it really is..) to read something on Hindi and knowing your tryst with the same, it was almost a treat for me as a reader..

    ..authentic but romantic and those lines in bold were smashing. Honest one !!

    ..and a very worthy title for the note, nice pick.. :)

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  2. Thanks a lot Ram..Really happy to know that you liked the post :))

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  3. हिंदी की आत्मा हर भाषा की तरह उसके व्याकरण में है.
    कृप्या ब्लॉग में तर्कसंगत शब्दों को स्थान दे... व्याकरण असंगतियो को नहीं
    जय भारत. जय हिंदी माँ

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  4. bahut achchha laga padh k... hindi hmesha hi padhne sunane mein achchhi lagti h mujhe..... aur mujhe hindi upnyaas english novel se jyada pasand h.... jo baatein bold mein likhi h woh bahut sahi h aur man ko chhune wali baat h... aage aur bhi hindi mein padhna chahungi... :)

    frm surabhi jaiswar.. yeh blog follow kar k cmmnt kaise karte h meri smjgh mein aata aur bada hi cmplicated prcss lgta h

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  5. @neeraj: Thanks for reading. Every language's heart lies with its grammar, so does it the heart attack, if we overdo with the grammar thing. Not an excuse, but english to hindi conversion does create problem in blogger. BTW, would like you to point out those mistakes. Would be grateful. Thanks :)

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  6. *so does the heart attack. Ignore the typo :P

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  7. @ surbhi: Thanks a lot dear for reading. And yes Hindi has a certain charm. I loved writing it and i m happy u liked reading. Will try to come up with more Hindi posts in future. :)

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  8. आशीष अनँत: आलवेज़ रिमेम्बर, "हर एक फ्रेण्ड ज़रूरी होता है" :)
    this is how user friendly/adaptive this language is :D

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  9. . मैं आपसे बिलकुल सहमत हूँ की हिंदी वाकई ही मधुर भाषा है. यह वाकई में एक शरबत है जिसमे उर्दू और अन्य भाषा के अलफ़ाज़ मिले हैं.

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  10. प्रिय दोस्त आशीष अनंत, तुम्हारा ये ब्लॉग पोस्ट पढ़ के बहुत खुशी हुई. अच्छा लगा की कोई हिन्दी मे भी इतनी प्रभावी वाक़्य कह सकता है और अपने विचार अलग तरीके से प्रस्तुत कर सकता है. बहुत ही अच्छा. हम प्रसन्न हुए. :)

    PS: और हाँ, आप हमारे अपडेट्स देखे ना देखे, हम देखते भी हैं और उसपे अपने विचार भी हमेशा देते हैं ! :P

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