ग़म
ग़म में डूबे कई मर्तबा हमने सोचा
दिल-ए-दरिया में उफान है या हमें तैरना नहीं आता
उम्दा ये जवाब मिला, "ठहरे हुए पानी में बहा करते हैं,
तैराकी की बारीकियां अक्सर उफान ही सिखाता है"
सुकून
निज़ात पाना अगर सुकून होता
तो हर शाम लोग दीये जलाया करते
कोई वजह होगी जो हर रोज़ जंग जीतने वाले भी
दिवाली की राह देखते हैं।
फ़िक्र
थाम कर मेरा हाथ वो मुस्कुराई और बोली
हमारे प्यार की उम्र बहुत लम्बी है
हमने कहा ये हुई दिन, साल, महीनों की बात
अब हाथ के हाथ हमें फिक्र की फ़ेहरिस्त भी बता दीजिए
तस्सल्ली
जान लेकर भी उन्हें नहीं मिलती
और हम जान देकर भी देख चुके
ताज़्ज़ुब इस बात पर है
आज भी एक नज़र काफी है तस्सली के लिए।
साभार - Google |
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